वेतन आयोग क्या है?
वेतन आयोग एक सरकारी समिति है, जो यह तय करती है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का वेतन और भत्ते कितने होने चाहिए। इसका मुख्य काम है कर्मचारियों की जरूरतों को समझना और उनकी सैलरी में समय-समय पर सुधार करना।
वेतन आयोग क्यों बनता है?
- महंगाई बढ़ने पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव की जरूरत होती है।
- कर्मचारियों को अच्छी सैलरी और भत्ते देकर उनका मनोबल बढ़ाया जाता है।
- सरकारी सेवाओं को बेहतर और प्रभावी बनाया जा सके।
वेतन आयोग का काम क्या है?
- कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों का आंकलन करना।
- नई सिफारिशें देना जैसे सैलरी बढ़ाना, भत्ते बदलना।
- सरकारी खर्च और देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखना।
भारत में अब तक के वेतन आयोग
भारत में अब तक 7 वेतन आयोग बन चुके हैं।
- पहला वेतन आयोग (1946)
- न्यूनतम वेतन ₹55 प्रति माह तय हुआ।
- दूसरा वेतन आयोग (1957)
- सैलरी में 14-23% की बढ़ोतरी हुई।
- तीसरा वेतन आयोग (1970)
- न्यूनतम वेतन ₹185 प्रति माह तय हुआ।
- चौथा वेतन आयोग (1983)
- न्यूनतम वेतन ₹750 प्रति माह किया गया।
- पांचवां वेतन आयोग (1994)
- सैलरी में 20-30% की बढ़ोतरी हुई।
- छठा वेतन आयोग (2006)
- न्यूनतम वेतन ₹6,660 प्रति माह और अधिकतम ₹80,000 प्रति माह।
- सातवां वेतन आयोग (2014)
- न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह और अधिकतम ₹2,25,000 प्रति माह।
सातवां वेतन आयोग की खास बातें
- न्यूनतम सैलरी ₹18,000 प्रति माह तय हुई।
- फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया, जिससे हर कर्मचारी की सैलरी बढ़ी।
- भत्तों में बदलाव कर मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) को अपडेट किया गया।
(8th Pay Commission) कब आएगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में आयोजित बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी गई है। यह आयोग अपनी सिफारिशें 2026 तक सरकार को सौंपेगा। हर दशक में गठित होने वाला यह आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में संशोधन लाने के उद्देश्य से काम करता है, ताकि उनकी आय महंगाई और वर्तमान आर्थिक जरूरतों के अनुसार समायोजित की जा सके।
8वें वेतन आयोग का प्रभाव:
केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इज़ाफा देखने को मिल सकता है। फिलहाल कर्मचारियों की सैलरी 18 अलग-अलग स्तरों में वर्गीकृत है। लेवल-1 के कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 1800 रुपए ग्रेड पे के साथ 18,000 रुपए है, जिसे बढ़ाकर ₹34,560 तक किया जा सकता है। वहीं, लेवल-18 में आने वाले कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष अधिकारियों को वर्तमान में 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी दी जाती है, जो बढ़कर लगभग ₹4.8 लाख तक पहुंच सकती है। इस वृद्धि से कर्मचारियों की आय और जीवनस्तर में बड़ा बदलाव आ सकता है।
वेतन आयोग का कर्मचारियों पर असर
- सैलरी और भत्ते बढ़ने से सरकारी कर्मचारी ज्यादा संतुष्ट होते हैं।
- उनकी जीवनशैली और काम करने की क्षमता बेहतर होती है।
- देश की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है।