गणतंत्र दिवस और भारतीय संविधान: ऐतिहासिक यात्रा और रोचक तथ्य

भारतीय संविधान और गणतंत्र दिवस (Republic Day): जानें इसके दिलचस्प पहलू

संविधान निर्माण का सफर – एक ऐतिहासिक यात्रा

क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान को तैयार करने में लगभग 3 साल का समय लगा था? जी हां, यह अद्भुत दस्तावेज 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा मंजूरी प्राप्त हुआ और 26 जनवरी 1950 को हम सभी के लिए लागू हो गया!

लेकिन क्यों 26 जनवरी?

26 जनवरी का महत्व हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है। 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (Complete Independence) की घोषणा की थी। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, और 17 वर्षों तक (1930-1947) इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया।

जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की और संविधान बनाने की प्रक्रिया शुरू की, तो उस दिन को चुनने के लिए 26 जनवरी को ही उचित माना गया, क्योंकि यह दिन पहले से ही हमारे संघर्ष का प्रतीक था। इस प्रकार, 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, और भारत एक पूर्ण गणराज्य बन गया।

इसलिए, 26 जनवरी का दिन हमारे लिए न केवल गणतंत्र दिवस के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वराज के लिए किए गए संघर्ष का प्रतीक भी है।

गणतंत्र दिवस: भारत की शक्ति और गौरव का प्रतीक

गणतंत्र दिवस के दिन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने हमारे पहले राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला और पहली बार तिरंगा फहराया। उन्होंने 21 तोपों की सलामी दी और हमारे देश को गणराज्य घोषित किया। क्या आप जानते हैं कि भारत सुबह 10:18 बजे गणतंत्र बना और 10:24 बजे डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली?

संविधान की खासियतें जो आपको हैरान कर देंगी!

  • दुनिया का सबसे लंबा संविधान: भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं। इसे इतने विस्तार से लिखा गया है कि यह आज भी दुनिया के सबसे लंबे संविधान के रूप में जाना जाता है!
  • मूल प्रतियाँ: संविधान की हाथ से लिखी गई प्रतियाँ संसद के पुस्तकालय में संरक्षित हैं और इन्हें विशेष हीलियम गैस से भरे केसों में रखा गया है।
  • दुनिया के विभिन्न संविधानों से प्रेरणा: भारतीय संविधान को तैयार करने में दुनिया के कई देशों के संविधानों से भी प्रेरणा ली गई है।

गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह: हर साल का एक खास दिन

हर साल, नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर एक भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन होता है। राष्ट्रपति इस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। क्या आपने कभी इस भव्यता का हिस्सा बनने का सपना देखा है?

रोचक तथ्य: भारत का संविधान

  • गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 की जगह भारतीय संविधान ने ली।
  • संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। क्या आप जानते हैं कि हमारी संविधान सभा में कितने महान विचारक और नेता थे?
  • भारतीय संविधान ना सिर्फ हमारे लोकतांत्रिक परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है!

तो इस गणतंत्र दिवस पर हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि हमारा संविधान हमें अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्तव्यों की भी जिम्मेदारी देता है।

आप इस दिन से क्या प्रेरणा लेते हैं? क्या आपके लिए गणतंत्र दिवस का कोई खास मतलब है? हमारे साथ अपनी सोच साझा करें!

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