मकर संक्रांति 2025: जानिए आपके सभी सवालों के जवाब
मकर संक्रांति हमेशा 14 जनवरी को ही क्यों मनाई जाती है?
मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का पवित्र पर्व है, जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन सर्दियों के अंत और गर्मी के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, जब सूर्य उत्तरायण हो जाता है। भारतीय कैलेंडर के अनुसार, सूर्य हर साल 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है।
मकर संक्रांति 15 तारीख को क्यों है?
कभी-कभी मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी मनाई जाती है। ऐसा तब होता है जब सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात को होता है, जिसके कारण पर्व का उल्लास 15 जनवरी को बढ़ जाता है। यह परिवर्तन सिर्फ कुछ वर्षों में होता है, अन्यथा यह दिन 14 जनवरी को ही मनाया जाता है।
मकर संक्रांति 2025 पर कौन सा रंग नहीं पहनना चाहिए?
मकर संक्रांति 2025 के दिन काले रंग से बचना चाहिए। काला रंग नकारात्मकता और अशुभता का प्रतीक माना जाता है। इसके बजाय, पीला, संतरी, और लाल जैसे रंग पहनें, जो न केवल शुभ माने जाते हैं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का भी संचार करते हैं।
खिचड़ी क्यों मनाई जाती है?
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का महत्व विशेष रूप से है, क्योंकि यह एक सस्ता, पौष्टिक और ताजगी से भरपूर भोजन है। इस दिन लोग खिचड़ी का दान करते हैं, जो धार्मिक कार्य और समाज सेवा का प्रतीक है। यह दिन खासतौर पर पवित्रता और शुद्धता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, और खिचड़ी को दान में देना पुण्य के कार्य के रूप में माना जाता है।
क्या संक्रांति पर नॉनवेज खा सकते हैं?
मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दी जाती है। इस दिन को पवित्र और शुद्ध कार्यों के लिए समर्पित किया जाता है। इसलिए नॉनवेज खाना वर्जित है, और यह दिन धार्मिक कार्यों, दान, और सत्संग में अधिक समय बिताने का होता है।
सूर्य मकर राशि में कब प्रवेश करेगा 2025 में?
2025 में, सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी, 2025 को सुबह 9:03 बजे प्रवेश करेगा। यह समय विशेष महत्व रखता है, जिसे पुण्यकाल और महापुण्यकाल के रूप में मनाया जाता है। इस समय का उपयोग धार्मिक कार्यों और दान करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
क्या संक्रांति शुभ है या अशुभ?
मकर संक्रांति एक अत्यंत शुभ पर्व है, जो जीवन में नई शुरुआत, धार्मिक उन्नति, और सकारात्मक बदलाव का संकेत है। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य अर्जन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
जनवरी में मकर संक्रांति कब है?
मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, और यह फरवरी में नहीं होती। हालांकि, कुछ वर्षों में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात को करता है, तो संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाती है। लेकिन फरवरी में मकर संक्रांति कभी नहीं होती है।
क्या 14 जनवरी शुभ दिन है?
14 जनवरी, मकर संक्रांति का दिन, जीवन में समृद्धि, सुख-शांति, और धार्मिक उन्नति लाने का प्रतीक है। इस दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सकारात्मक ऊर्जा और मंगलकारी प्रभाव को बढ़ाता है। यह दिन पवित्रता और नई शुरुआत के लिए उत्तम है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
मकर संक्रांति 2025 के लिए विशेष टिप्स और अनुष्ठान
मकर संक्रांति के दिन, पुण्य और खुशियों की प्राप्ति के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- पवित्र नदियों में स्नान करें: यह आपके पापों को नष्ट करने और पुण्य प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है।
- दान करें: गुड़, तिल, खिचड़ी और गरम कपड़े दान करें, जिससे आप पुण्य अर्जित करेंगे।
- सूर्य को जल अर्पित करें: यह धार्मिक क्रिया आपके जीवन में शांति और समृद्धि लाएगी।
- खिचड़ी का सेवन करें: इस दिन खिचड़ी का सेवन करना एक शुभ कार्य माना जाता है।